The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita
The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023
The Bhartiya Nagrik Suraksha Sanhita, 2023 regulates the procedure for arrest, investigation, enquiry and trial of offences under the Bharatiya Nyaya Adhiniyam and under any other law governing criminal offences. The court provides for a mechanism for conducting trials in a criminal case; it gives the procedure for registering a complaint, conducting a trial and passing an order and filing on an appeal against any order.
It is a comprehensive legal document that governs the procedural aspects of criminal law in India. Its preamble and initial sections establish its scope, purpose and applicability. It outlines the establishment and jurisdiction of criminal courts and offences including their composition and powers. It also deals with the insurance of summons, warrants and other legal instruments to compel the accused persons and witnesses before the court. It details the circumstances and procedures for the arrest of individuals suspected of committing criminal offenses.
It deals with the grant and cancellation of bail to accused persons pending trial or investigation. Also outlines the procedure for framing and reading charges against accused persons. It is concerned with the conduct of criminal trials including the examination of witnesses, recording of evidence and judgement. It also outlines the procedures for filing appeals against judgement and orders of criminal courts as well as for making references to higher courts.
This part deals with the enforcement of sentences passed by criminal courts including provisions for fines, imprisonment and other forms of punishment. It empowers magistrates and other authority to take preventive measures to maintain public order and safety including the imposition of curfews, prohibitory orders and other restrictions. It outlines the procedure for the investigation of criminal offences by police officers including the registration of FIRs, collection of evidence and arrest of suspects. It also covers the admissibility and examination of evidence in criminal trials including provisions for oral testimony, documentary, evidence and expert opinion. The Bhartiya Nagarik Suraksha Sanhita with detailed provisions, serves as the backbone of the criminal justice system in India ensuring the fair and orderly conduct of criminal proceedings while safeguarding the rights of the accused and victim alike.
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 भारत में आपराधिक मामलों की प्रक्रियाओं को विनियमित करने वाली प्रमुख कानूनी संहिता है। इसका उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली को सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाना है। इसमें अपराधों की जांच, अभियोजन और न्यायालय में उनके विचारण की प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन है। इसका उपयोग अपराधों के परीक्षण और सजा देने के लिए किया जाता है। संहिता मे संक्षिप्त नाम, विस्तार, प्रारम्भ और विभिन्न परिभाषाएं दी गई हैं। इसके तहत विभिन्न प्रकार के आपराधिक न्यायालयों के गठन और उनके अधिकार क्षेत्र का विवरण है, जैसे सत्र न्यायालय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, और महानगर मजिस्ट्रेट। पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करना (FIR), जांच की प्रक्रिया, गिरफ्तारी, और पुलिस द्वारा अभियुक्त का बयान लेना इसमें शामिल है।
गिरफ्तारी की शक्तियाँ, गिरफ्तार व्यक्ति के अधिकार, और जमानत से संबंधित प्रावधानों को इसमें शामिल किया गया हैं। अदालतों में आरोप पत्र दाखिल करना, गवाहों की सुनवाई, और साक्ष्यों का प्रस्तुतिकरण भी शामिल है।विशेष प्रावधान के तहत भरण-पोषण के आदेश, तत्काल उपायों के लिए मजिस्ट्रेट द्वारा निषेधाज्ञा जारी करना भी इसी के अन्तर्गत आता है। कुछ महत्वपूर्ण विधियां जैसे पुलिस को गिरफ्तारी की शक्तियाँ, गिरफ्तारी की विधि, भरण-पोषण के लिए आदेश, लोक व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा का वर्णन भी शामिल है। प्रक्रिया और सुरक्षा के तहत पुलिस द्वारा गवाहों का बयान, मजिस्ट्रेट द्वारा बयान और कबूलनामा भी इसमें संकलित हैं।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 यह सुनिश्चित करता है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। संवैधानिक और लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के अनुरूप यह सभी नागरिकों के लिए प्रेरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।