The Bharatiya Nyaya Sanhita 2023
Bharatiya Nyaya Sanhita
It is a comprehensive criminal code that covers various aspects of criminal law in India. It defines crimes and their punishments. It covers offenses against the state, public tranquillity, human body, property and more. It outlines offenses ranging from theft and assault to more serious crimes like murder and treason. It is divided into several chapters, each dealing with a specific category of offense.
Murder, culpable homicide, hurt, assault, kidnapping, abduction and sexual offenses are included in offense against the human body. Offense against property encompasses theft, robbery, extortion, Dacoity, criminal trespass, mischief and related crimes. Offense against the State includes oftenses such as sedition, waging war against the state, promoting enmity between different groups and related crimes. Offense against public tranquility covers offenses like rioting, affray, unlawful assembly, promoting communal disharmony and related offences.
Offense against public health, safety and morals includes bribery, corruption, counterfeiting, defamation and public nuisance. It also provides general exceptions such as acts done in self-defence, necessity, insanity, infancy, and under duress. The penalties include death, imprisonment, fines and forfeiture of property depending on the severity of the offense. It has been amended to reflect changing societal norms and legal interpretations. Additionally judicial decisions and case law play a significant role in interpreting and applying the provisions. Overall Bharatiya Nyaya Sanhita serves as the cornerstone of criminal law in India, guiding law enforcement agencies, prosecutors, and the judiciary in addressing and adjudicating criminal offences.
भारतीय न्याय संहिता
भारतीय न्याय संहिता भारत में अपराधों और उनके दंडों को व्यवस्थित करने का काम करती है। यह अपराधों के प्रकारों का विवरण, उनके परिणाम और उनके दंड का प्रावधान करता है। एक अभियुक्त व्यक्ति को नैसर्गिक न्याय के मान्य सिद्धांतों के अनुसार उचित विचरण मिलना चाहिए। अन्वेषण एवं विचरण में होने वाले विलंब से बचने का प्रयत्न किया जाना चाहिए जो की न केवल संबंधित व्यक्ति के लिए अपितु समाज के लिए भी हानिकारक होगा। प्रक्रिया बहुत जटिल ना हो तथा यथासंभव समुदाय के निम्न वर्गों को न्याय उचित विचरण का आश्वासन देने वाली हो।
सामान्य अपराध जैसे चोरी, दंड का विवरण, अभिवृद्धि और सहायता के अपराधों का विवरण, संपत्ति के अपराधों का विवरण, अपराधों के विरुद्ध जमानत और पारितोषिक की प्रक्रिया, आपराधिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी और गृहिणियों के कार्यक्षेत्र, अधिकार और जिम्मेदारियों का विवरण, अपराधों के विरुद्ध उत्पीड़न की प्रक्रिया और दंड, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के अपराध, धार्मिक भावनाओं के अपराध, हत्या, अधिकारिक अपराधों का विवरण, अपराधों के विरुद्ध व्यवसाय,जैसे की चुगलखोरी, चेतावनी और धोखाधड़ी का विवरण, मूल्य अपराध जैसे कि चोरी, लूट और डकैती का विवरण, प्रॉपर्टी अपराध जैसे की जालसाजी और धार्मिक संपत्ति का उपहार, स्त्री विरोधी अपराध जैसे कि बलात्कार और दुर्भाग्यपूर्ण विवाह, क्षति का विवरण और निर्दोषों के लिए निर्दोषी के खिलाफ क्षति या चुगलखोरी का दावा, आदमी के जीवन और स्वतंत्रता के अपराध जैसे कि गर्भपात और मानव व्यापार का विवरण, सामान्य अपराधों और उनके दंडों का विवरण, अपराधों के विरुद्ध उत्पीड़न और अपमान की प्रक्रिया और दंड, अपराधों के विरुद्ध जांच, अपील और सुनवाई की प्रक्रिया, विशेष अपराधों का विवरण जैसे कि अंतरराष्ट्रीय अपराध, श्रेणी और अपराधों के विरुद्ध साक्ष्य की प्रक्रिया, आदि इसमें समाहित है। यह धाराओं का संग्रह अपराधों और उनके दंडों के लिए एक समागमिक ढंग से व्यवस्था करता है और भारतीय नागरिकों को न्याय प्रणाली में स्पष्टता प्रदान करता है।